श्लेष अलंकार के उदाहरण एवं परिभाषा

श्लेष  का अर्थ मिला हुआ अथवा चिपका हुआ होता है.श्लेष अलंकार में ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है जिनके एक नहीं अपितु अनेक अर्थ होते हैं।  श्लेष अलंकार में ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है जो उसे वाक्य में एक से अधिक अर्थ निकालते हैं। इस लेख में हम  आपको श्रेष्ठ अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण प्रकार के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएंगे। तो चलिए शुरू करते हैं अलंकार की परिभाषा एवं उसके उदाहरण से।

श्लेष अलंकार की परिभाषा

जहां पर कोई शब्द एक से अधिक बार आता है एवं उसके अर्थ भी  अलग-अलग निकलते हैं  वहां पर श्लेष अलंकार होता है श्लेष अलंकार में  हमें इन दो बातों का ध्यान रखना होता है पहली बात तो  एक शब्द  के एक से अधिक अर्थ  होगा वही दूसरी बात वाह शब्द एक से अधिक बार  आया हो। इस स्थिति में श्लेष अलंकार होता है। श्लेष अलंकार के दो प्रकार होते हैं

1 अभंग श्लेष

2 सभंग श्लेष

श्लेष अलंकार के उदाहरण

रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।

पानी गए न ऊबरे,मोती मानस चून।। 

यहां पर पानी के अनेक अर्थ है।  यहां पर पानी के तीन अर्थ है कांति,सम्मान और जल   यहां पर पानी के तीन अर्थ है इसलिए यहां पर श्लेष अलंकार है।

मन में है विश्वास, आगे बनेंगे हम।

यहां पर मन शब्द का श्लेष अलंकार हुआ है यहां पर मन शब्द के दो अर्थ हुए हैं  पहले “भरोसा” वही दूसरा ” विश्वास करना ” यहां दोनों अर्थो के साथ प्रयोग किया गया है ।

छाती से छुपाना,मातृभूमि का सम्मान करना।

इस उदाहरण में मातृभूमि शब्द का श्लेष अलंकार हुआ है।  मातृभूमि शब्द के दो अर्थ होते हैं एक है देश और  दूसरा अर्थ धरती या भूमि । यहां पर दोनों अर्थो के साथ इसका प्रयोग किया गया है।

सूरज निकला पश्चिम से सूरज डूबा पूरब को।

यहां पर सूरज शब्द का श्लेष अलंकार हुआ है। सूरज शब्द के दो अर्थ है एक है सूर्य  और दूसरा है राजकुमार।  यहां पर दोनों अर्थो का प्रयोग किया गया है।

चिड़िया चुग गई,खेत बाग बगीचे घूम।

इस उदाहरण में चिड़िया शब्द का श्लेष अलंकार हुआ है। यहां पर चिड़िया के शब्द के दो अर्थ हैं  एक है एक प्रकार की चिड़िया या पक्षी एवं दूसरा है खेत का एक भाग या हिस्सा. यहां पर दोनों अर्थो का प्रयोग किया गया है।

श्लेष अलंकार के भेद

श्लेष अलंकार के उदाहरण एवं परिभाषा

श्लेष अलंकार के दो भेद होते हैं  जो निम्नलिखित है ।

1 अभंग श्लेष

2 सभंग श्लेष

1 अभंग श्लेष :- जिन शब्दों को बिना तोड़े अनेक अर्थ निकलते हैं वहा पर अभंग श्लेष अलंकार होता है।

अभंग श्लेष का उदाहरण

रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।

पानी गए न ऊबरे,मोती मानस चून।। 

यहां पर पानी के अनेक अर्थ है।  यहां पर पानी के तीन अर्थ है कांति,सम्मान और जल   यहां पर पानी के तीन अर्थ है इसलिए यहां पर अभंग श्लेष अलंकार है।

2 सभंग श्लेष :- जब शब्द विशेष से  श्लेष का अर्थ निकालने के लिए  शब्द को तोड़ा तोड़ा जाता है  वहा पर सभंग श्लेष अलंकार होता है।

सभंग श्लेष का उदाहरण

सखर सुकोमल मंजू,दोषरहित दुषण सहित 

यहां सखर का अर्थ  कठोर तथा दूसरा अर्थ  खरदुषण के साथ (स + खर ) को तोड़कर किया गया है। इसलिए यहां पर सभंग श्लेष अलंकार है।

श्लेष अलंकार के अन्य उदाहरण 

1 जे रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय । बारे उजियारो करै, बढ़े अंघेरो होय। …

2 रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून। पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून। …

3 सीधी चलते राह जो, रहते सदा निशंक जो करते विप्लव, उन्हें, ‘हरि’ का है आतंक

4 जो चाहो चटक न घटे, मैलो होय न मित्त राज राजस

FAQ

अभंग श्लेष अलंकार किसे कहते है उदाहरण सहित?

अभंग श्लेष :- जिन शब्दों को बिना तोड़े अनेक अर्थ निकलते हैं वहा पर अभंग श्लेष अलंकार होता है।
अभंग श्लेष का उदाहरण
रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरे,मोती मानस चून।। 
यहां पर पानी के अनेक अर्थ है।  यहां पर पानी के तीन अर्थ है कांति,सम्मान और जल   यहां पर पानी के तीन अर्थ है इसलिए यहां पर अभंग श्लेष अलंकार है।

सभंग श्लेष अलंकार किसे कहते है उदाहरण सहित?

सभंग श्लेष :- जब शब्द विशेष से  श्लेष का अर्थ निकालने के लिए  शब्द को तोड़ा तोड़ा जाता है  वहा पर सभंग श्लेष अलंकार होता है।
सभंग श्लेष का उदाहरण
सखर सुकोमल मंजू,दोषरहित दुषण सहित 
यहां सखर का अर्थ  कठोर तथा दूसरा अर्थ  खरदुषण के साथ (स + खर ) को तोड़कर किया गया है। इसलिए यहां पर सभंग श्लेष अलंकार है।

पर्यायवाची शब्द किसे कहते है?

पर्यायवाची शब्द वे शब्द होते हैं जिनकी अर्थ में समानता होती है. अर्थात बे शब्द जो अर्थ की दृष्टि से समान होते हैं। उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं। पर्यायवाची शब्द किसी भी भाषा की  सबलता को बहुता से दर्शाते हैं जिस भाषा में जितने  ज्यादा पर्यायवाची शब्द होंगे  वह भाषा  उतनी ही सरल एवं सशक्त होगी । इस दृष्टि से सबसे संपन्न भाषा संस्कृत है.।

अनुप्रास अलंकार परिभाषा किसे कहते है?

अनुप्रास दो शब्दों से मिलकर बना है – अनु + प्रास। यहां पर अनु का अर्थ बार-बार होता  है. वही प्रास का अर्थ शब्द होता है। जब किसी  जब एक से अधिक वर्ण की आवृत्ति होती है वर्ण की आवृत्ति बार-बार है और उससे जो चमत्कार उत्पन्न होता  है उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। यह शब्दालंकार के  प्रकार में से एक है ।

Conclusion

इस लेख में हमने  प्लेस अलंकार की परिभाषा एवं उसके उदाहरणों को समझा  इस लेख में हमने आपको  कुछ उदाहरण एवं की व्याख्या भी दी है । अगर आपको इस लेख में कोई भी समस्या या डाउठ हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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