व्याकरण किसे कहते हैं?
दुनिया में बहुत सारी भाषा बोली जाती है. जिनका अपना एक अलग व्याकरण होता है। अगर आप भी व्याकरण से संबंधित संपूर्ण जानकारी जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को एंड तक पढ़े। हम इस आर्टिकल में व्याकरण किसे कहते हैं , व्याकरण के भेद एवं व्याकरण के प्रकार आदि इस आर्टिकल में जानेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।सबसे पहले हम व्याकरण के बारे में बताएंगे उसके बाद व्याकरण के भेद एवं प्रकार के बारे में चर्चा करेंगे । जैसे हमारी भाषा हिंदी है तो हम अपनी भाषा हिंदी की व्याकरण की चर्चा करेंगे।
व्याकरण किसे कहते हैं?
व्याकरण की परिभाषा :- किसी भी भाषा को सही तरीके से एवं शब्द रूप से बोलने के लिए, लिखने के लिए, समझने के लिए नियम होते हैं। उन्हीं नियमों को हम व्याकरण कहते हैं । व्याकरण एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें उस भाषा को बोलने समझने एवं लिखने के नियम संग्रहित होते हैं।
अगर आपको किसी भाषा को लिखना या समझना है तो सबसे पहले आपको उस भाषा की व्याकरण को समझना होगा या सीखना होगा. व्याकरण को इंग्लिश में ग्रामर कहते हैं. हिंदी उर्दू इंग्लिश इसी तरह बहुत सारी भाषा होती हैं। सर आपको इन भाषाओं को अच्छी तरह सीखना है।तो आपको इनकी ग्रामर को समझना एवं सीखना होगा तभी आप उस भाषा को लिख पाएंगे एवं सीख पायगे बिना ग्रामर सीखे हम भाषा को बोल तो सकते हैं लेकिन उसे अच्छी तरह नहीं बोल सकते है।
संस्कृत भाषा सबसे प्राचीन भाषा है और हिंदी गुजराती भाषा संस्कृत से ही आई है हमारे प्राचीन वेद पुराण संस्कृत भाषा में लिखे गए जो की व्याकरण का सबसे अच्छा उदाहरण है।
अगर हम हिंदी व्याकरण के बारे में बात करें तो मैं बहुत सारे प्रकरण में होते हैं जैसे कि अलंकार, छंद, वाक्य, संधि, विशेषण आदि इन सभी को सीख कर हम हिंदी व्याकरण को सीख सकते हैं।
हिंदी व्याकरण के भेद
अव्याकरणब हमारे मन में सवाल आ रहा होगा कि व्याकरण को कितने भागों में बांटा गया है? अगर हम व्याकरण के भेदों की बात करें तो चार प्रकार के होते हैं. जिन्हें हम व्याकरण के अंग में भी कहते हैं।
व्याकरण के प्रकार
1 वर्ण
2 शब्द
3 वाक्य
4 पद
तो व्याकरण के 4 प्रकार होते हैं इन चारों प्रकारों के बारे में हम एक-एक करके जानेंगे।
वर्ण
वर्ण की परिभाषा :- ध्वनि के सबसे सूक्ष्म रूप को जिन्हे की आगे बिभाजित नही करा जा सकता है उन्हें वर्ण कहा जाता है।भाषा की ध्वनि लिखने के लिए हम हम कुछ चिन्हो का प्रयोग करते है. जिनें हम हिंदी लिपि के नाम से जानते है तो उन्हें ही हम वर्ण कहते है जैसे क ख ग आदि।
वर्ण के लिखित रूप. को हम अक्षर एवं मौखिक रूप को ध्वनि कहते है यदि किसी शब्द को वर्ण की बारे मे पता करना है तो uska बिभाजन करना होगा।
आप शब्दो का बिभाजन कर पायगे लेकिन वर्ण का नही कर पायगे यह भाषा की सबसे छोटी इकाई है जिसे बिभाजित नही किया जा सकता है।
वर्ण के भेद :-
हिंदी व्याकरण के अनुसार वर्ण के दो भेद होते हैं ।
1 स्वर
2 व्यंजन
स्वर :- स्वर ऐसी ध्वनि होती है जिनके बोलने के लिए एवं उच्चारण के लिए किसी अन्य ध्वनि की आवश्यकता नहीं पड़ती है।हम किसी अन्य स्वर का प्रयोग करके ना करके अन्य स्वर बोल सकते है। हिंदी व्याकरण में कुल 11 स्वर है।
: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
अब स्वर के तीन प्रकार होते है।
ह्रस्व स्वर
दीर्घ स्वर
प्लुत स्वर
व्यंजन :- वे वर्ण जो स्वरों की सहायता से बोले जाते है सभी व्यंजन के बोलने पर अ स्वर मिलता है।इनका उच्चारण करने पर मुँह से निकलने बाली वायु मे रुकावट होती है।प्रत्येक व्यंजन अ से मिलकर बनता है हिंदी मे व्यंजन की सख्या 33 होती है एवं इनके तीन प्रकार होते है।
व्यंजन कितने प्रकार के होते है।
हिंदी व्याकरण मे व्यंजन तीन प्रकार के होते है।
1 स्पर्श व्यंजन
2 अन्तस्थ व्यंजन
3 ऊष्म व्यंजन
शब्द
जब हम दो या दो से अधिक वर्ण को जोड़ते हैं तो शब्द की रचना होती है। वर्ण को हम बिभाजित नहीं कर सकते हैं. लेकिन शब्दों को हम विवादित कर सकते हैं। अगर आप किसी दो वर्ण को आपस में मिलायगे तो वह शब्द बन जाएगा। जैसे ही राजन, राम, समय आदि।
हिंदी व्याकरण में शब्द दो प्रकार के होते हैं. पहला विकारी एवं दूसरा अविकारी शब्द होते है। विकारी शब्द ऐसे शब्द है जिनका अगर हम वाक्य में प्रयोग करें तो उनका थोड़ा अर्थ बदल जाता है। आविकारी शब्द ऐसे शब्द होते जिनका वाक्य में प्रयोग करने से उनकी अर्थ में कोई बदलाव नहीं होता है।
पद
जब हम किसी वाक्य मे शब्दों का प्रयोग करते हैं तो उनमें से कुछ शब्दों को पद मिलता है इसे हम एक उदाहरण लेकर समझने का प्रयास करते हैं किसान खाना खाने जा रहा है इसमें किसान को एक पद मिला जिसे हम संज्ञा कहते है।
पद के भी कुछ प्रकार होते हैं।
1 संज्ञा
2 सर्वनाम
3 विशेषण
4 क्रिया
5 अबयब
वाक्य
जब आपस मे बहुत सारे शब्दों का आपस में मिलन होता है.तो शब्दों के समूह से कुछ अर्थ उत्पन्न होता है. तो उसे वाक्य कहते हैं । शब्दों के समूह को ही वाक्य कहते हैं . एक वाक्य में शब्दों के बहुत सारे समूह जुड़े होते है। मुझे बोलने से कुछ भाव उत्तप्न होता है और उस वाक्य का कुछ अर्थ निकलता है।
वाक्य कितने प्रकार होते हैं.
1 सरल वाक्य
2 संयुक्त वाक्य
3 मिश्रत वाक्य
वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है इन वर्णों से मिलाकर शब्दों की रचना होती हैं. शब्दों से मिलाकर पद की रचना होती है पद से मिलकर वाक्य की रचना होती है।
FAQ
स्वर किसे कहते हैं?
स्वर ऐसी ध्वनि होती है जिनके बोलने के लिए एवं उच्चारण के लिए किसी अन्य ध्वनि की आवश्यकता नहीं पड़ती है।हम किसी अन्य स्वर का प्रयोग करके ना करके अन्य स्वर बोल सकते है। हिंदी व्याकरण में कुल 11 स्वर है।
वाक्य कितने प्रकार के होते हैं ?
वाक्य तीन प्रकार के होते है
1 सरल वाक्य
2 संयुक्त वाक्य
3 मिश्रत वाक्य
ह्रस्व स्वर किसे कहते है?
ह्रस्व स्वर:- यह ऐसा स्वर है जिसके उच्चारण में बहुत कम समय लगता है।यह एकमात्रिक स्वर होता है।
जैसे की: अ, इ, उ, ऋ
स्पर्श व्यंजन किसे कहते है?
स्पर्श व्यंजन :- जिन व्यंजन का उच्चारण करते समय हमारी जीभ मुख के भीतर कई भागो से टकराती है।उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते है। इनकी संख्या 22 है. जिन्हे 5 भागो मे बता गया है।ये क से लेकर म तक होते है।
उत्क्षिप्त व्यंजन क्या है?
उत्क्षिप्त व्यंजन :- बे वर्ण का जिनका उच्चारण जीभ के अग्रभाग के झटके द्वारा होता है उत्क्षिप्त व्यंजन कहलाता है। इन्हे दिगुणी व्यंजन भी कहते हैं। इनकी संख्या दो होती है . ड़ और ढ़। यह हिंदी द्वारा विकसित किए गए हैं।
Conclusion
दोस्तों हमने इस आर्टिकल में व्याकरण के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं है।अगर आपको इससे संबंधित कोई भी समस्या या डाउट हो हमें कमेंट करके जरूर बताएं हम आपको रिप्लाई जरूर करेंगे।
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