वैश्वीकरण क्या है?
वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ है स्थानीय एवं क्षेत्रीय वस्तुओ या सेवाओ का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन की प्रकिया है। जिसमे सम्पूर्ण संसार एक बाजार बन जाता है। जिसमे कोई नियम या आर्थिक प्रतिबन्ध लागु नहीं होते है। इसमें सिर्फ कुछ ही नियम होते है जो सरल या सिथिल होते है. जिससे की वैश्विकरण को बढ़ावा मिलता है।
वैश्विकरण एक ऐसी प्रकिया है जिसमे सम्पूर्ण विश्व एक बाजार बन जाता. एवं वहा पर विश्व के सम्पूर्ण देश अपना व्यापार को आगे बढ़ाते है। जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं तथा एक साथ कार्य करते हैं। यह प्रक्रिया आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक और राजनीतिक ताकतों का एक संयोजन है।वैश्वीकरण का उपयोग अक्सर आर्थिक वैश्वीकरण के सन्दर्भ में किया जाता है।
वैश्वीकरण की परिभाषाएं
वैश्वीकरण को अर्थशास्त्रियों द्वारा अलग-अलग प्रकार से परिभाषित किया गया जिन की परिभाषा इस प्रकार है।
ऑस्कर लेंजर के अनुसार :- आधुनिक समाज में अल्प विकसित देशों का भविष्य मुक्ता अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर निर्भर करता है।
प्रोफ़ेसर दीपक नायर के अनुसार :- आर्थिक क्रियाओं का किसी देश की राजनीतिक सीमा से बाहर तक का विस्तार करने को वैश्वीकरण कहते है।
वैश्वीकरण से सम्बंधित संगठन, नीतियाँ और अन्तर्राष्ट्रीय समझौते
1,-आसियान (Association of South East Asian Nations): 8 अगस्त 1967 में आर्थिक, सामजिक और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देने के लिए तथा विनियोग और व्यापार में सहयोग को बढाने के लिए सदस्य राष्ट्रों ने मिलकर बैंकॉक (थाईलैंड) में इस संगठन की स्थापना की/ इसका मुख्यालय जकार्ता (इंडोनेशिया) में है। फिलहाल 2022 में इसके 10 सदस्य राष्ट्र हैं – वियतनाम इंडोनेशिया, , मलेसिया म्यांमार,लाओस,कंबोडिया,फिलिपिन्स, सिंगापुर,थाईलैंड, ब्रूनेई, है। इस अन्तर्राष्ट्रीय संगठन मे भारत को पूर्ण बर्ताकर का दर्ज़ा मिला है।
2-विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization): इस संगठन को GATT के उत्तराधिकारी के रूप में जाना जाता है।इसकी स्थापना 1 जनवरी, 1995 में हुई। इसका मुख्यालय जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में है। वर्तमान (2022) में इसके सदस्य देश 164 हैं जिनमें यूरोपीय संघ भी सम्मिलित है। अफगानिस्तान इसका 164वाँ सदस्य देश था जो 29 जुलाई, 2016 को शामिल हुआ था।
3-दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन 8 दिसम्बर, 1985 में 7 देशों ने मिलकर इस संगठन की स्थापना की/ इन 7 देशों में भारत, नेपाल, बांग्लादेश, मालदीव्स, श्रीलंका, भूटान और पाकिस्तान शामिल हैं। इसका मुख्यालय ढाका (बांग्लादेश) में है।
वैश्वीकरन के प्रमुख दो प्रकार इस तरह है
आर्थिक वैश्वीकरण
पिछली सदी के अस्सी के दशक के उत्तरार्ध से, विभिन्न देशों के बीच एक कट्टरपंथी आर्थिक संबंध अस्तित्व में आया है जो बाजार द्वारा नियंत्रित और विनियमित है। भारतीय बाजार स्वदेशी सामानो से परिपूर्ण है।
सांस्कृतिक वैश्वीकरण
सांस्कृतिक वस्तुओं का वैश्वीकरण आर्थिक निर्भरता और पारस्परिक संबंधों का एक स्वाभाविक परिणाम है। संचार प्रौद्योगिकी की दक्षता और इसके परिणामस्वरूप आर्थिक संबंध शामिल देशों के बीच सांस्कृतिक सहजीवन की सीमा और प्रकृति को निर्धारित करते हैं। देश किया सीमा पर संस्कृति का विस्तार आर्थिक वैश्वीकरण का एक बड़ा प्रभाव है।
वैश्वीकरण की आवश्यकता
वैश्वीकरण की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से हैं-
(1) वैश्वीकरण मुख्य रूप से एकीकृत एवं समरूपता की एक लंबी प्रक्रिया है। जिसमे संपूर्ण विश्व 1 परिवारों जाता है।
(2) अर्थव्यवस्था का जल्दी से विकास हो सके या तीव्र विकास के लिए अपनाया गया है।
(3) एक देश की सीमाओं से बाहर अन्य देशों में वस्तुओं एवं सेवाओं का लेनदेन अंतरराष्ट्रीय नियमो के साथ होना वैश्वीकरणकहलाता है।
(4) विश्व के विभिन्न राष्ट्र पारस्परिक सहयोग एवं सद्भावना के साथ बाजार तन्त्र की माँग एवं पूर्ति की सापेक्षित शक्तियों के द्वारा वस्तुओं एवं सेवा की मांग करते है।
वैश्वीकरण के गुण/लाभ इस प्रकार हैं
1. नवीन तकनीकों का आगमन वैश्वीकरण द्वारा विदेशी धन के निवेश में लगातार वृद्धि होती जा रही है।एवं नवीन तकनीकी सेवाओं का आगमन हो रहा है जिससे वस्तु की उत्पादकता एवं उत्पादन में सुधार हुऐ है
2. जीवन-स्तर में वृद्धि वैश्वीकरण से जीवन स्तर में लगातार सुधार हो रहा है क्योंकि उपभोक्ताओं को उपभोग कि वस्तु न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध हो रही है।
3. विदेशी विनियोजन वैश्वीकरण के विकसित राष्ट्र अपनी अतिरिक्त पूँजी अर्द्धविकसित एवं विकासशील राष्ट्रों मे विनियोग करते है। विदेशी पूँजी के आगमन से इन देशों का विनियोग बड़ी मात्रा मे हुआ है।
4. विदेशों मे रोजगार के अवसर वैश्वीकरण से एक देश के लोग दूसरे देश में जाकर रोजगार ढूंढने में सहायता हो रही है ।एवं बेरोजगारी में कमी आ रही है।
Conclusion
इस प्रकार वैश्विकरण एक विशाल प्रकिया है जिसमे समस्त देशो का व्यापार या आपसी सहयोग चलता रहता है।
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