ऐसे पेंटर जिन्होने अपनी लास्ट पेंटिंग बनाने के बाद आत्महत्या कर ली

ऐसे पेंटर जिन्होने अपनी लास्ट पेंटिंग बनाने के बाद आत्महत्या कर ली

ऐसे पेंटर जिन्होने अपनी लास्ट पेंटिंग बनाने के बाद आत्महत्या कर ली

आज हम इस पोस्ट मे ऐसे पेंटर जिन्होने अपनी लास्ट पेंटिंग बनाने के बाद आत्महत्या कर ली ऐसी क्या बाजय थी जिस बजह से इन्होने आत्महतिया की और इस संसार से दूर हो गए |  एक कहाबत है की एक तस्बीर 1000 शब्दो के बराबर है  | इन मशहूर  पेंटर ने अपनी जिंदगी कैनवास मे अपना हालेदिल बया करने मे निकाल दी |

आज हम इस पोस्ट मे कुछ ऐसे  पैन्टेर्स के बारे मे जानेंगे जिन्होने अपने आखरी लमहो का बर्णन करता है जिन्होने पेंटिंग को बनाने के बाद आत्महत्या कर ली ऐसी क्या बाजय थी जिस बजह से इन्होने आत्महत्या की और इस संसार से दूर हो गए |  एक कहावत है की एक तस्वीर 1000 शब्दो के बराबर है  | इन मशहूर पेंटर ने अपनी जिंदगी कैनवास मे अपना हालेदिल बया करने मे निकाल दी |

ऐसे पेंटर जिन्होने अपनी लास्ट पेंटिंग बनाने के बाद आत्महत्या कर ली
ऐसे पेंटर जिन्होने अपनी लास्ट पेंटिंग बनाने के बाद आत्महत्या कर ली

लकिन कई बार जिंदगी मे ऐसी परिस्थितियाँ आ जाती है जिनसे कला भी बचके नहीं निकल पाती | इन पेंटर की आखरी पेंटिंग उनके जीवन के लमहो का आखरी बर्णन करती है कुकी इन पैंटीन को बनाने के बाद इन सब ने आत्महत्या कर ली थी | विंसेंट वान गाग,जीन-मिशेल बास्कियाट, अर्शाइल गोर्की, जॉन मिनट , निकोलस डी स्टाल आखिर इन सब पेंटर के पेंटिंग  मे ऐसी क्या बात थी जो इन्हे मौत के कुए तक ले गई|

अक्सर हर कलाकार अपनी पेंटिंग मे बही बनाते जो अपनी लाइफ मे देखते है और इमेजिनेशन करते है | कलाकार कला के सबसे सम्मानित रूपों में से एक है| पेंटिंग इस बात को दर्शाती है जो अपनी पिक्चर मे अपनी आशाओं, सपनों, भय और भावनाओं को कैसे व्यक्त करते हैं। राजा रवि वर्मा को चित्रकला के आधुनिक भारतीय काल का जनक कहा जाता है इसका साथ इन्हे द फादर ऑफ मॉडर्न इंडियन आर्ट का नाम से भी जाना जाता  है।

पेंटर अपनी पेंटिंग मे कई प्रकार की कलाओ का प्रयोग करता है जो की  हमारे प्राचीनकाल के चित्रकला से प्रेरित है | अगर हम भारत की बारे मे बात करे तो 2000 ईसा पूर्व के दौरान सिंधु घाटी सभ्यता के महान शहरों में कला का निर्माण हुआ। भारत की प्राचीन गुफाओ मे चारकोल से बनाए गए चित्र मिले जो के 42,000 साल से भी पहले मनुष्यों द्वारा बनाई गई थी| जिनमे से कुछ स्थान जेसे अजंता गुफा, खजराहू आदि |

वान गाग विंसेंट

सबसे पहले हम बात करेगा विंसेंट वान गाग की जिन्होंने अपनी आखरी पेंटिंग मे अपने पसंदीदा पेंटर चाल्स के बगीचा का चित्र बनाया था | चाल्स की मृत्यु के बाद उनकी विधवा उनके घर मे ही रहती थी और उन्होने वान गाग को अपने घर के बगीचे की पेंटिंग बनाने कि इजाजत दी वान गाग ने इस बगीचे की पेंटिंग 3 बार बनाई और हर बार उसका नाम डोबली गर्दन रखा |

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वान गाग विंसेंट – Image Credit @ Google

कहते है की इस पेंटिंग को बनाने के कुछ ही महीना बाद विंसेंट वान गाग ने आत्महत्या कर ली माना जाता है कि वान गॉग़ अपने जीवनकाल में व्यावसायिक रूप से असफल रहे, 27 जुलाई 1890 को उन्होने रिवॉल्वर अपनी सिने मे रखकर गोली मर ली |  उन्होंने अपने जीवन मे अधिक काम्याबी नहीं मिली लकिन उनकी मृत्यु के बाद उनकी पेंटिंग पूरी दुनिया मे प्रसिद्ध हो गई अब उन्हे उनकी कला से जाना जाता है |

जीन-मिशेल बास्कियाट

दूसरे पेंटर जीन-मिशेल बास्कियाट जिन्होंने “ राइडिंग विद डेथ ” पेंटिंग बनाई थी यह एक अमेरिकन संगीतकार,और निर्माता थे  | इनका जन्म 22 दिसंबर, 1960 मे न्यूयॉर्क शहर मे हुआ था यह अपने कविता, रेखाचित्र और पेंटिंग से पहचाना जाता है| जीन-मिशेल बास्कियाट की मृत्यु 12 अगस्त, वर्ष 1988 मे  27 साल कि आयु मे आत्महत्या कर ली थी बेसे तो वो बहुत ही सफल थे और उनकी पेंटिंग की मांग भी बहुत थी | लेकिन बास्कियाट को हेरोइन की लत लगने के कारण उन्होने अपनी जिंदगी खुद ही खराब कर ली उनकी आखरी पेंटिंग मे दिखाया गया है कि एक मनुष्य कंकाल को कैसे परतालित कर रहा है |

जीन-मिशेल बास्कियाट
जीन-मिशेल बास्कियाट Credit: Getty Images/Rose Hartman

लेकिन बास्कियाट को हेरोइन की लत लगने के कारण उन्होने अपनी जिंदगी खुद ही खराब कर ली उनकी आखरी पेंटिंग मे दिखाया गया है कि एक मनुष्य कंकाल को कैसे परतालित कर रहा है | बास्कियाट की मृत्यु के बाद उन्हे ब्रुकलिन के ग्रीन-वुड कब्रिस्तान में दफनाया गया है और फ्रैंक ई. कैंपबेल फ्यूनरल चैपल में अंतिम संस्कार किया गया । वर्ष 1987 में,जीन-मिशेल बास्कियाट ने पेरिस में गैलेरी डैनियल टेम्पलॉन, टोक्यो में अकीरा इकेदा गैलरी और न्यूयॉर्क में टोनी शाफराज़ी गैलरी में प्रदर्शनियां लगाईं थीं जहां । बास्कियाट ने  जून से अगस्त 1987 तक हैम्बर्ग में आंद्रे हेलर के लुना लूना के लिए एक फेरिस व्हील डिजाइन किया था, जिसमें प्रसिद्ध समकालीन कलाकारों द्वारा डिजाइन की गई सवारी थी| 

अर्शाइल गोर्की 

अर्शाइल गोर्की जिन्होने अगोरी नाम की पेंटिंग बनाई थी, इनका जन्म वोस्तानिक मनौग अदोयान  15 अप्रैल, 1904  खोरगोम मे हुआ था जो की एक अमेरकी चित्रकार थे | गोर्की के साथ बहुत सारी दुर्घटना हुई उनका स्टूडियो जल कर राख हो गया उन्हे अपने कैंसर का इलाज करना पड़ा उनकी पत्नी’ उन्हे छोड़ कर चली गई, एक कार एक्सीडेंट मे उनकी गर्दन टूट गई , और पेंटिंग करने वाला हाथ लगभग गृशत हो गया |  21 जुलाई, वर्ष 1946 मे उन्होने फाशी लगा ली |

अर्शाइल गोर्की 
अर्शाइल गोर्की – Image credit @hmoob.in

गोर्की जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक के रूप में बिताए। अर्शाइल गोर्की  को  मार्क रोथको, जैक्सन पोलक और विलेम डी कूनिंग के साथ 20 वीं शताब्दी के सबसे शक्तिशाली अमेरिकी चित्रकारों में से एक के रूप में सम्मानित किया गया है।अमेरिकी और विश्व कला में गोर्की के योगदान सेर्बोपरी है | जीन-मिशेल बास्कियाट ने आर्टिस्ट एंड हिज़ मदर,पेंटिंग बनाई यह एक यादगार और अभिनव चित्र है। उनकी द आर्टिस्ट एंड हिज मदर पेंटिंग वैन में ली गई बचपन की तस्वीर पर आधारित हैं जिसमे बे अपनी माँ के साथ खड़े हुए है |

जॉन मिनटों 

अगले पेंटर है जॉन मिंटन  जिन्होने “ थे डेथ ऑफ़ जेनसन ” नाम की पेंटिंग बनाई थी | मिंटन एक अंग्रेजी पेंटर थे और एक चित्रकार , स्ट्रीट डिजाइनर और टीचर  भी थे| मिनट का जन्म  25 दिसंबर 1917 ग्रेट शेल्फ़र्ड , कैम्ब्रिजशायर , इंग्लैंड मे हुआ था | इन्होने अपना  अध्ययन ‘ फ्रांस ’ में पूर्ण किया उसके बाद लंदन मे एक शिक्षक बन गए |  परिदृश्य, चित्र और अन्य पुस्तकों के चित्रकार के रूप में प्रतिष्ठा बनाई। 

जॉन मिनटों 
जॉन मिनटों @wikipedia

उस समय एब्स्ट्रैक्ट आरय  बहुत प्रचलित थी और मिनट को लगने लगा  की उनकी जो  कला है उनको  लोग देखेंगे नहीं | उन्होने मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना किया लेकिन डिप्रेशन मे आ जाने की बजह से  उन्होने अपना आत्मविश्वास खो दिया | और अपनी आखरी पेंटिंग ख़तम करने से पहले आत्महत्या कर ली और  20 जनवरी 1957 मे वो यह शहर छोड़ कर चले गए | जब उनकी   आयु 39 थी | मिंटन को अक्सर एक चित्रकार के रूप में देखा जाता है उन्होंने निश्चित रूप से अंग्रेजी ग्राफिक परंपराओ को बढ़ाया और समृद्ध किया। 

निकोलस डी स्टाल

निकोलस डी स्टाल का जन्म 5 जनवरी, 1914 रूसी मूल मे हुआ था | वह एक फ्रांसीसी चित्रकार थे जिन्होंने “ ले कंसर्ट ” नाम की पेंटिंग बनाई थी | निकोलस अपने आस्ट्रिक्ट आर्ट के लिया जाने जाते थे | 16 मार्च, 1955 को उन्होने अपने ग्यारहवें स्टोरी स्टूडियो की बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली थी और उन्होने अपनी आखरी पेंटिंग अधूरी छोड़ दी थी | आत्महत्या करने से पहले उन्होने आखरी शब्द कहे थे की ‘मुझे यह पेंटिंग को ख़त्म करने की ताकत नहीं बची है’ | वह 41 साल के थे  जब उन्होने आत्महत्या की |  निकोलस डी स्टाल की मृत्यु के  बाद ‘ मॉन्ट्रोज ’ नाम के कब्रिस्तान मे दफनाया गया था ।

निकोलस डी स्टाल
निकोलस डी स्टाल- – Image credit @ Google

अपने ध्यान दिया होगा की अपने जीवन की आखरी पेंटिंग मे सभी पेंटर ने वो पेंटिंग बनाई जो उनके दिल मे दफ़न राज को उजागर करती थी | इनकी कहानी बहुत दुखद है इनकी जिंदगी एक अलपवहाब पर आ कर रूक गई लकिन इन आर्टिस्ट ने इन्हे सदा के लिए अमर कर दिया इस पोस्ट मे हमने इन 5 पेंटर की आखरी लमहो का बर्णन किया है | 

जो की ऐसे पेंटर जिन्होने अपनी लास्ट पेंटिंग बनाने के बाद आत्महत्या कर ली| यह पेंटर अपने समय मे बहुत मशहुर थे ये अपनी पेंटिंग करने की कला से जाने जाते थे इन पेंटर के नाम थे विंसेंट वान गाग,जीन-मिशेल बास्कियाट, अर्शाइल गोर्की, जॉन मिनट , निकोलस डी स्टाल और बहुत से पेंटर भी थे जिनका नाम अभी तक हम जानते है |

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Ishan Kishan @210- The Emerging Player

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