लेबनान हुआ पूरी तरह से बर्बाद और यहां की जनता देश छोड़ कर क्यों जा रही हैं?

लेबनान पश्चिम मध्य एशिया का एक छोटा सा देश है जिसके उत्तर पूर्व में सीरिया ,दक्षिण में इशरायल और पश्चिम में भू मध्य सागर से सीमा मिलती है। इस देश में भारत की तरह कई सारे धर्म पाए जाते हैं जिसमे 75% सिया मुसलमान, सुन्नी मुसलमान, क्रिश्चिन और 25% अलग धर्म के लोग पाए जाते है।

लेबनान
लेबनान

लेबनान के बर्बाद होने के कई सारे कारण हैं जिसे जानने के लिए हमें इसके इतिहास में जाना होगा।

सन् 1943 में लेबनान फ्रांस से आजाद हुआ।जैसे कि हम जानते है की लेबनान में कई सारे अलग अलग धर्म के लोग पाए जाते थे इस कारण ऐसी सरकार बनाने प्रेसर था कि जिससे सभी एक साथ रह सके। इस लिए एक ऐसा कानून बनाया गया जिसके तहत जो प्रधानमंत्री होगा वह हमेशा के लिए सुन्नी मुसलमान होगा, जो राष्ट्रपति होगा वह हमेशा के लिए मोरोनाइट क्रिश्चन होगा और जो संसद का स्पीकर होगा उसे सिया

मुसलमान को ही बनाया जाएगा। और यही नहीं देश कुछ अलग अलग सेक्टर को भी रिलीजन बाइस बांट दिया गया। और यही से होता है सारा खेल शुरू । तो लेबनान की अर्थव्यवस्था बर्बाद होने बहुत से कारण थे।

लेबनान

राजनैतिक धार्मिक कारण

राजनैतिक धार्मिक कारण – जब देश की पॉवर को धार्मिकता के आधार पर बांट दी गई तो सभी ने अपनी अलग पार्टियां बना ली। इन पार्टियों अपने ही लोगो के लिए फायदा पहुंचाया और अपने ही लोगो के लिए काम किया। ऐसे में देश में किसी भी प्रकार का करप्शन होता तो यह पार्टियां एक दूसरे को दोषी ठहराती। ऐसे में किसी को भी दोषी ठहराने का मतलब किसी भी धर्म पर सीधा निशाना करने जैसा था। और धर्म को लेकर लेबनान समस्या बढ़ती ही गई।

1975 से 1990 के ग्रह में बाहरी हस्तक्षेप

1975 से 1990 के ग्रह में बाहरी हस्तक्षेप – जब देश मे ग्रह युद्ध चल रहा था ।जिसमे सिया , सुन्नी और क्रिश्चियन आदि धर्मो की पार्टियां आपस में लड़ रही थी। तो जिसमे बाहरी देश भी इन अलग अलग धार्मिक पार्टियों का समर्थन कर रहे थे। जिसमे ईरान एक सिया मुस्लिम देश है तो वह लेबनान के सिया मुस्लिम पार्टी का समर्थन कर रहा था। वही अरब एक सुन्नी मुस्लिम देश तो वह सुन्नी मुस्लिम पार्टी को सपोर्ट कर रहा था। और वही क्रिश्चियन पार्टी को अन्य देश सपोर्ट कर रहे थे। तो बाहरी देशों के कारण भी लेबनान को काफी संघर्ष झेलना पड़ा।

बेरुत में सी पोर्ट धमाका

बेरुत में सी पोर्ट धमाका – साल 2020 के अगस्त महीने में बेरुत के सी पोर्ट के एक बेयरहाउस में 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट गलत तरीके से रखा हुआ था जिसमे अचानक बड़ा बिस्पोट हो गया जिसमे करीब 250 लोगो की मौत हो गई और लगभग 5000 लोग घायल हो गए और पूरा शहर बर्बाद हो गया।

सरकार की गलत नीतिया

सरकार की गलत नीतिया – सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को सुधार के लिए कृषि और ओद्योग से ध्यान हटाकर financial पर ध्यान जिससे बैंकिंग और टूरिज्म का जन्म हुआ। विकास के नाम पर सरकारी अफसर अपनी जेब भरने लगे और जनता का सारा पैसा इसी में लगा दिया। और यहा कृषि न होने के कारण भुखमरी बड़ी और उद्योग न होने के कारण रोजगार की कमी से लोग देश छोड़ कर भाग रहे हैं।

ये भी पढ़े

10 खिलाड़ी जो IPL Auction 2023 में बिकेंगे सबसे महंगे। खिलाड़ियों पर हो सकती है पैसों की बारिश।

Bajaj Pulsar P150 : धांसू लुक के साथ नए फीचर्स वाली कम कीमत में नई पल्सर लॉन्च।

इन सब वजह से लेबनान में बहुत ही खतरनाक स्थिति बन चुकी है, देश की ऐसी परिस्थिति को देख के जनता बहुत घबराई हुयी है और अपने भविष्य को लेकर चिंतित है और लेबनान से पलायन कर रह है। बेरुत में सी पोर्ट धमाका ने दहसत फैला दी है जो जनता का देश छोड़ने का बहुत बड़ा कारण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Places To Visit In North India During Winters Discovering Uttarakhand’s Most Beautiful Destinations in 2023 Madhya Pradesh’s Cozy Winter Escapes: Your 2023 Retreats Retreats in Nature’s Embrace: 12 Hill Stations Nearest Mumbai Winter Wonders in Uttar Pradesh: Top 10 Destinations Unveiling Srinagar’s Hidden Treasures: A Journey Off the Beaten Path Roaring Through the Himalayas: Delhi to Ladakh Bike Expedition 12 Things To Carry For Leh Ladakh Trip Untrodden Hill Stations For Your Next Holiday In Uttarakhand Uncovering India’s Hidden Hill Stations: A Journey Off the Beaten Path