ठंड मे इन 4 बीमारियों से जरूर बचे, जानिए बचने के उपाय।

ठंड मे इन 4 बीमारियों से जरूर बचे, जानिए बचने के उपाय।

ठंड मे इन 4 बीमारियों से जरूर बचे

 हेलो दोस्तों जैसा कि हम सबको पता है कि सर्दियों के दिन इस समय चल रहे हैं, आगे आने वाले दिनों में ठंड और भी ज्यादा बढ़ सकती है  दिसंबर और जनवरी में भारत में सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है, ठंड का असर केवल  मौसम पर ही नहीं पड़ता है बल्किप्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य परउनकी दिनचर्या पर भी पड़ता है, सर्दियों के दिन में हर एक इंसान के बीमार होने की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, इन दिनों व्यक्ति को खास बड़ी बीमारी है तो नहीं होती है।

ठंड मे इन 4 बीमारियों से जरूर बचे, जानिए बचने के उपाय।
ठंड मे इन 4 बीमारियों से जरूर बचे, जानिए बचने के उपाय।

लेकिन छोटी-छोटी बीमारियां ऐसी होती है जिनसे उनकी दैनिक जीवन काफी प्रभावित होता है, खास करके अगर हम बच्चों की बात करें तो ठंड के दिनों में उनमें लगातार छोटी-छोटी बीमारियां बनी रहती है और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। ठंड के दिनों में सब छोटी नहीं बल्कि बड़ी बीमारी है अभी हमारे शरीर में दस्तक देती हैं जोगी अन्य सीजन की अपेक्षा मैसेज में और जल्दी प्रभाव डालती है।

 ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति की कोशिश रहती है कि वह ऐसा क्या करें जिससे मैं ठंड के दिनों में बीमारियों से बचे रहें चलो हम आपको बताते हैं ऐसी पांच बीमारी है जिनसे आपको बचना बहुत ज्यादा जरूरी है, और साथ ही बताएंगे आपको इन बीमारियों से बचने के उपाय। भाई जी हम सबसे पहले आपको बताते हैं यह की कौन है वह 6 बीमारी जिनकी बढ़ने के आसार ठंड के दिनों में सबसे ज्यादा होते हैं।

  • निमोनिया
  •  अस्थमा
  •  फ़्लू
  •  सर्दी जुखाम
निमोनिया
अस्थमा
फ़्लू
सर्दी जुखाम
ठंड मे इन 4 बीमारियों से बचने के उपाय।

 चलिए दोस्तों हम जानते हैं कि यह सब बीमारियां हैं क्या और उन से कैसे बचें।

निमोनिया

दोस्तों हम सब को पता है कि ठंड के दिनों में निमोनिया काफ़ी तेजी से फैलता है, निमोनिया मुख्य रूप से छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाती है यह छोटे बच्चों में कभी खतरनाक भी होती है लेकिन ऐसा नहीं है कि बड़ों में इसका असर ना हो। नमन हमारे शरीर में मुख्य रूप से फेफड़ों पर असर करती है।, इस बीमारी में हमारे फेफड़ों के बीच में संक्रमण फैलता है। निमोनिया 4 चरणों में हमारे शरीर में दस्तक देता है। 

लक्षण

  •  सांस लेने में दिक्कत होना।
  •  ठंड लगना।
  •  कम भूख लगना।
  •  हल्का बुखार।
  •  बीपी कम होना।

उपाय

  •  द्रव्य पदार्थों का सेवन करें।
  •  अगर हो सके तो अदरक को पीसकर खाएं, इससे आपकी खांसी की समस्या दूर हो सकती है।
  •  निमोनिया के समय गुड़ का भी करें सेवन यह खांसी के साथ-साथ छाती में जमे पदार्थों को भी दूर करता है।
  •  निमोनिया के समय अपने शरीर को पूरा पूरा आराम दें और हो सके तो लेटने की जगह बैठने की ज्यादा कोशिश करें।

अस्थमा

अस्थमा को हम दमा के नाम से भी जानते हैं, और अस्थमा ठंड के दिनों में और अधिक प्रभावी होता है। अस्थमा एक छोटी बीमारी है परंतु इसका उपचार ना हो तो यह हमारे लिए काफी गंभीर भी साबित हो सकती है, अस्थमा का रोग मुख्य रूप से सांस लेने की समस्या से संबंधित है, अस्थमा होने के बहुत से कारण है लेकिन इसका एक मुख्य कारण अनुवांशिकता भी हो सकता है।

 लक्षण

  •  अस्थमा के समय रोगी को सूखी खांसी होती है।
  •  अस्थमा से ग्रस्त व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है।
  •  सांस लेते समय धीमी धीमी आवाज का आना।

उपाय

  •  अधिक परिश्रमी कामना करें।
  •  नशा से दूर रहें, खास करके धूम्रपान बिल्कुल ना करें
  •  कोशिश करेंगे पानी में अजवाइन मिलाकर पिए।
  •  ठंडे पदार्थों से दूर रहें।

फ्लू

ठंड के दिन में का सबसे ज्यादा कोई बीमारी होती है तो वह फ्लू है, चलो एक संक्रामक रोग है या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है, ब्लू सामान्य तौर पर 1 से 3 दिन के बीच ही रहता है लेकिन इसके संक्रमण और अन्य बीमारियां होने के खतरे बढ़ जाते हैं।

 लक्षण –

  •  मांसपेशियों में दर्द होना।
  •  थकान होना।
  •  बुखार आना।
  •  सिर मे तेजी से दर्द होना।
  •  उल्टी दस्त आदि होना।

 उपाय –

  • फ्लू की रोकथाम के लिए जूस को पिए।
  •  खाने में लहसुन अदरक जैसे गर्म मसालों का इस्तेमाल करें।
  •  पानी को गर्म करें और उसकी बातों को कुछ देर तक ले।

 सर्दी जुखाम

सर्दियों के दिनों में शायद ही ऐसा कोई आदमी होगा जो सर्दी एवं जुखाम से एक भी बार पीड़ित ना होता हो, ठंड के दिनों में यह सबसे छोटी लेकिन कॉमन बीमारी है जो हमारे शरीर पर कोई गहरा प्रभाव तो नहीं जानती है लेकिन इससे हम सारी समस्याएं होती हैं और हमारा काम छोटी बीमारी से बहुत ज्यादा प्रभावित होता है।

 लक्षण –

  • सर्दी और जुकाम के से कोई खास लक्षण तो नहीं है, इसका में पहले से  कोई अनुमानित तौर पर दिया था। इसके कुछ छोटे लक्षण है कि नींद का ना आना,सिर में थोड़ा बहुत दर्द होना, शरीर में थकावट बनी रहना आदि इसके कुछ ऐसे लक्षण है।

 उपाय –

  • सर्दी और जुखाम से बचने के लिए हमे कई छोटी छोटी सावधानी रखनी चाहिए जो हमारे रहन सहन और खानपान पर निर्भर। यदि हम सर्दी जुखाम से ग्रषित हो जाते है तो खाने में गर्म नेचर वाली खाद्य का सेवन करना और अदरक, तुलसी और हल्दी के काढ़े को पीना चाहिए।

ठंड मे इन 4 बीमारियों में से किसी भी बीमारी से ग्रषित हो जाते है तो आप बिना कोई लापरवाही किये, आपको अपने डॉक्टर दिखाए और उनके दिए इंस्ट्रक्शन और ट्रीटमेंट को फॉलो करें।

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